1. सेवई की खासियत: सेवई, जो कि एक प्रकार की वर्मिसेली होती है, विभिन्न भागों में विभाजित होती है, जिससे यह खास और आकर्षक लगती है। 2. राजस्थानी डिश: सेवई को राजस्थान में रोटियों की तरह खाया जाता है, जिससे वहां की परम्परागत खाने की एक अहम रस्म का हिस्सा बन गया है।

1. सेवई की इतिहास: सेवई की उत्पत्ति का इतिहास करीब 3000 साल पुराना है, जो मूल रूप से मद्धों के द्वारा बनाया जाता था। 2. विभिन्न विधियाँ: सेवई को अनेक तरीकों से बनाया जा सकता है - उसे पकाकर, भूनकर, या फिर फ्राई करके।

1. पौष्टिक भोजन: सेवई में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है, जिससे यह एक पौष्टिक व्यंजन बनता है। 2. दक्षिण भारतीय स्वाद: दक्षिण भारत में, सेवई को नारियल के साथ बनाकर खाया जाता है, जो उसके स्वाद को और भी बढ़ाता है।

सेवई का व्यापार: भारत में सेवई का व्यापार एक महत्वपूर्ण धंधा है, जिससे कई लोग अपना गुजारा कमाते हैं।

स्वादिष्ट स्वाद: सेवई का स्वाद विविधता में होता है - मिठा, तीखा, नमकीन, और भी अनेक स्वाद विकल्प होते हैं।

1. स्वास्थ्य लाभ: सेवई में विटामिन बी, आयरन, और फोलेट की अच्छी मात्रा होती है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। 2.